CT Scan Full Form in Hindi/CT scan क्या है? फायदे नुकसान ct scan full form in Medical
नमस्कार दोस्तों स्वागत है आपका एक कोई नई पोस्ट में आज हम इस पोस्ट में हम
आपको CT scan Full Form in Hindi CT Scan क्या है?CT Scan kya hai? सीटी स्कैन
कैसे किया जाता है?CT scan kaise kiya jata hai? सीटी स्कैन कैसे होता है?CT Scan
kaise hota hai?सीटी स्कैन क्यों किया जाता है?CT Scan kyo kiya jata
hai? किस हिस्से का सिटी स्कैन किया जाता है? सीटी स्कैन के फायदे CT
Scan ke fayde in hindi सीटी स्कैन के नुकसान
CT Scan
side effect CT Scan full form in Medical यह जानकारियां देंगे तो चलिए
शुरू करते हैं तो सबसे पहले हम सीटी स्कैन क्या होता है यह जानते हैं
CT Scan क्या है?CT Scan kya hai?
CT Scan Full Form name कंप्यूटराइज टोमोग्राफी स्कैन है यह कैसा टेस्ट है
जिसमें कंप्यूटर और घूमती हुई एक्सरे मशीन से शरीर के विभिन्न भागों का
क्रॉस सेक्शन यानी कि टुकड़ों में चित्र लिया जाता है सामान्य एक्सरे
मशीन की अपेक्षा सिटी स्कैन में अधिक विस्तृत और स्पष्ट जानकारी ओर साफ
चित्र प्राप्त हो जाती है।
CT Scan में शरीर की मुलायम कोशिका और रक्त वाहिकाओं और हड्डी से संबंधित
विकारों के चित्र स्पष्ट दिखाई पड़ते हैं सीटी स्कैन का प्रयोग सिर,कंधे , रीड
की हड्डी, घुटने और छाती से जुड़ी समस्याओं के निदान के लिए किया जाता है आमतौर
पर सिटी स्कैन से शरीर के हर एक हिस्से स्पष्ट चित्र देखा जा सकता है और रोग के
निदान चोट एवं सर्जिकल एंड रेडिएशन उपचार के लिए भी सीटी स्कैन किया जाता है।
सीटी स्कैन कैसे किया जाता है?CT scan kaise kiya jata hai?
अब बात करते है सीटी स्कैन कैसे किया जाता है तो सीटी स्कैन आमतौर पर हॉस्पिटल
और रेडियोलॉजी क्लीनिक में किया जाता है इस दौरान सिटी स्कैन कराने वाले
व्यक्ति को सीटी स्कैन करने से कुछ घंटे पहले तक कुछ खाने पीने के लिए मना किया
जाता है इसके अलावा सीटी स्कैन होने से पहले व्यक्ति के जेबर जेसे
घड़ी,चूड़ा,चैन, या ओर कोई भी जेवर हो तो उसे उतार लिया जाता है।
सीटी स्कैन रेडियोलॉजी टेक्नोलॉजिस्ट करते हैं एक टेस्ट के दौरान व्यक्ति
को एक बड़ी डोनेट आकर वाली सिटी स्कैन मशीन के अंदर एक टेबल पर लिटा दिया जाता
है। यह टेबल स्कैनर के माध्यम से धीरे-धीरे घूमता है और एक्सरे भी शरीर
के चारों ओर घूमती है इस दौरान मशीन से निकलने वाली आवाज को सुना जा सकता है
इधर-उधर शरीर हिलने से स्क्रीन पर चित्र धुंधला यानी कि ब्लूर हो
सकता है। इसलिए मरीज को एकदम सीधे और इसी अवस्था में लेट रहने को कहा जाता है।
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CT scan Full Form |
CT scan Full Form-computed tomography
CT scan Full Form In Hindi -परिकलित टोमोग्राफी
सीटी स्कैन कैसे होता है?CT Scan kaise hota hai?
तो अब बात कर लेते है सीटी स्कैन कैसे होता है।CT scan दौरान सकरे एक्सरे बीम
का प्रयोग किया जाता है जो कि शरीर के एक हिस्से के चारों ओर घूमता है यह कई
अलग-अलग कोणों से छबियो की एक श्रृंखला बनाता है शरीर के उस भाग का क्रॉस
सेक्शन चित्र बनाने के लिए कंप्यूटर इस जानकारी का उपयोग करता है रोटी के एक
टुकड़े की तरह कंप्यूटर भी शरीर के अंदर 2d चित्र दिखाता है जी हां कई
टुकड़ों में चित्र प्राप्त करने के लिए प्रक्रिया दोहराई जाती है।
इसके बाद कंप्यूटर इन चित्रों के स्केन को 3D इमेज में बदल देता है जिन्हें
डॉक्टर बहुत स्पष्ट तरीके से देख पाते हैं इससे हड्डी में रक्त वाहिकाओं सहित
अन्य हिस्सों के चित्र स्पष्ट दिखाई देते हैं।
सीटी स्कैन क्यों किया जाता है?CT Scan kyo kiya jata hai?
बात कर लेते हैं सीटी स्कैन क्यों किया जाता है। तो शरीर में चोट एवं अन्य
विकारों का इलाज शुरू करने से पहले डॉक्टर मरीज को सीटी स्कैन कराने की सलाह देते
है। सीटी स्कैन की रिपोर्ट में यह स्पष्ट हो जाता है कि मरीज के शरीर का कौन सा
भाग किस कारण प्रभावित है सीटी स्कैन में लगने वाला समय इस बात पर निर्भर करता है
कि व्यक्ति के शरीर के किस अंग का सीटी स्कैन किया जा रहा है। सिटी स्कैन में कुछ
मिनटों से लेकर आधे घंटे तक का भी समय लग सकता है।
किस हिस्से का सिटी स्कैन किया जाता है?
आइए जानते हैं शरीर के किस हिस्से का सिटी स्कैन किया जाता है जानते है। सीटी
स्कैन इमेजिंग तकनीक एयर टेक्निक के जरिए डॉक्टर निम्न समस्याओं का निदान करते
हैं जेसे
दिमाग में चोट लगने खोपड़ी फ्रैक्चर होना और बिलीडिंग के निदान के लिए सिटी
स्कैन किया जाता है।
मस्तिष्क में रक्त के थक्के जमना और मस्तिष्क ट्यूमर और बड़ी मस्तिष्क गुहा के
निदान के लिए सीटी स्कैन किया जाता है।
CT Scan आमतौर पर शरीर में कई रोगों के निदान और चोटो को पता लगाने के लिए किया
जाता है समस्या और निदान के लिए किया जाता है।
संक्रमण मांस पेशियों ओर जोड़ो के समस्याओं और हड्डियों में
फ्रैक्चर और ट्यूमर के निदान के लिए भी सिटी स्कैन किया जाता है।
रक्त वाहिकाओं और अन्य आंतरिक संरचनाओं की जांच के लिए सीटी स्कैन किया जाता है
आंतरिक चोटों अंदरूनी बिलिडिंग के निदान के लिए भी सीटी स्कैन किया जाता है।
सर्जरी जैसी प्रक्रियाओं के बारे में जानने के लिए सीटी स्कैन किया जाता
है कैंसर और हृदय रोगों सहित कुछ अन्य बीमारियों के उपचार में प्रभावशीलता का
पता लगाने के लिए भी सीटी स्कैन किया जाता है।
वाहन दुर्घटना के बाद होने वाले आंतरिक रक्तस्राव के निदान के लिए भी ct scan
किया जाता है।
ट्यूमर रक्त का थक्का बनना अधिक तरल पदार्थ जमा होना और इनकी इंफेक्शन कि जांच
करने के लिए किया जाता है ct scan किया जाता है।
सीटी स्कैन के फायदे CT Scan ke fayde in hindi
अब बात कर लेते है सीटी स्कैन के फायदे बारे में तो सीटी स्कैन दर्द रहित
सुरक्षित और बीमारियों की जल्दी निदान के लिए सर्वोत्तम तरीका है सीटी स्कैन को
सटीक और स्पष्ट जानकारी प्राप्त होती है जिससे डॉक्टर को बीमारियों के इलाज या
प्रभावित अंगों की इलाज में मदद मिलती है आपातकालीन परिस्थितियों में सीटी
स्कैन के माध्यम से अंदरूनी चोट और ब्लीडिंग का पता चलने से मरीज की अनावश्यक
सर्जरी से बचाया जा सकता है।
इसके बाद मरीज के शरीर में रेडिएशन का कोई प्रभाव नहीं रहता सिटी स्कैन
में जिस एक्सरे मशीन का इस्तेमाल किया जाता है। आमतौर पर कोई नुकसान नहीं होता
है।
सीटी स्कैन के नुकसान CT Scan side effect
बात कर लेते हैं सीटी स्कैन के नुकसान के बारे में तो सीटी स्कैन के दौरान मशीन
से कई खतरनाक रेडिएशन निकलते है।कभी-कभी के प्रभाव से त्वचा में एलर्जी उत्पन्न
हो सकती है ओर बाल टूटने की भी समस्या हो सकती है।कुछ लोगों को कंट्रास्ट
चीजों से एलर्जी होती है हालाकि इन चीजों के प्रभाव में आने से इनका रिएक्शन
बहुत हल्का होता है। लेकिन शरीर में खुजली होना और चकत्ते निकलने की समस्या हो
सकती है।
यदि आप के मरीज हैं तो मेटाफॉमिंग जैसे दवा का सेवन करते हैं तो सीटी
स्कैन कराने से पहले आपने डॉक्टर को जरूर बताएं डॉक्टर आपको सलाह देंगी कि सीटी
स्कैन कराने से पहले आपको दवाखाना है या बंद करनी है।
अगर हमको किडनी से संबंधित समझते हैं तो सीटी स्कैन से पहले अपने डॉक्टर को
जरूर बताएं क्योंकि कन्ट्रास सामग्रियों के संपर्क में आने से किडनी की समस्या
बढ़ सकती है सीटी स्कैन के दौरान जी मिचलाना उल्टी आने की समस्या हो सकती है।
सीटी स्कैन कराने से कुछ घंटे पहले कुछ खाने पीने के लिए मना किया जा सकता है।
गर्भवती महिलाओं को प्रेगनेंसी से पहले तिमाही में सीटी स्कैन कराने से बचना
चाहिए क्योंकि भ्रूण छतिग्रस्ट हो सकता है।
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1 comment:
Arjun
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